भजन संहिता 133
1. देखो, यह क्या ही भली और मनोहर बात है कि भाई लोग आपस में मिले रहें!
2. यह तो उस उत्तम तेल के समान है, जो हारून के सिर पर डाला गया था, और उसकी दाढ़ी पर बहकर, उसके वस्त्रा की छोर तक पहुंच गया।
3. वह हेर्मोन् की उस ओस के समान है, जो सिरयोन के पहाड़ों पर गिरती है! यहोवा ने तो वहीं सदा के जीवन की आशीष ठहराई है।।