यिर्मयाह 45
1. योशिरयाह के पुत्रा यहूदा के राजा यहोयाकीम के राज्य के चौथे वर्ष में, जब नेरिरयाह का पुत्रा बारूक यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता से भविष्यद्वाणी के ये वचन सुनकर पुस्तक में लिख चुका था,
2. तब उस ने उस से यह वचन कहा, कि इस्राएल का परमेश्वर यहोवा,तुझ से यों कहता है,
3. हे बारूक, तू ने कहा, हाय मुझ पर ! क्योंकि यहोवा ने मुझे दु:ख पर दु:ख दिया है; मैं कराहते कराहते थक गया और मुझे कुछ चैन नहीं मिलता।
4. तू यों कह, यहोवा यों कहता है, कि देख, इस सारे देश को जिसे मैं ने बनाया था, उसे मैं आप ढा दूंगा, और जिन को मैं ने रोपा था, उन्हें स्वयं उखाड़ फेंकूंगा।
5. इसलिये सुन, क्या तू अपने लिये बड़ाई खोज रहा है? उसे मत खोज; क्योंकि यहोवा की यह वाणी है, कि मैं सारे मनुष्यों पर विपत्ति डालूंगा; परन्तु जहां कहीं तू जाएगा वहां मैं तेरा प्राण बचाकर तुझे जीवित रखूंगा।